मंदिर में सिंहस्थ सा नजारा, कर्मचारियों के पसीने छूटे

उज्जैन : सावन माह का दूसरा सोमवार होने से महाकालेश्वर मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालु उमड़े। इनकी संख्या का अंदाजा शायद प्रशासक और सुरक्षा में लगे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भी नहीं था। खास बात यह रही कि सामान्य दर्शनार्थियों से अधिक संख्या कांवड़ यात्रियों व 251 रुपये शीघ्र दर्शन पास वालों की थी। हालात यह हो गये कि इन लोगों की कतार बड़े गणेश मंदिर तक पहुंच गई। इसी गेट से नियमित, वीआईपी दर्शन करने वाले भी प्रवेश कर रहे थे जिन्हें संभालने में पुलिस प्रशासन सहित निजी सुरक्षाकर्मियों के पसीने छूट गये।

भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने देश भर से हजारों श्रद्धालु शहर में पहुंच रहे हैं। सावन का दूसरा सोमवार होने के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की भी पिछले सोमवार की तुलना में तीन गुना अधिक हो गई जिसका अंदाजा मंदिर प्रशासक को भी नहीं होगा। सामान्य दर्शनार्थियों को झिकझेक, फेसिलिटी सेंटर, टनल से होते हुए गेट नंबर 6 से कार्तिकेय मंडप रेलिंग के माध्यम से दर्शन कराये जा रहे हैं, जिसमें करीब 2 से 3 घंटे का समय लग रहा है।

सामान्य से अधिक संख्या कांवडिय़ों की होने और उन्हीं के साथ 251 रुपये में शीघ्र दर्शन पास वालों को भस्मार्ती गेट से प्रवेश देने के कारण हालत यह हो गई कि लोगों की कतार बड़ा गणेश मंदिर तक पहुंच गई। इन लोगों को भस्मार्ती गेट से प्रवेश देने के बाद गेट नंबर 5 से सभा मंडप होते हुए रेलिंग के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है।

सड़क पर लगा जाम
भस्मार्ती गेट पर सहायक प्रशासक एस.पी. दीक्षित स्वयं खड़े होकर अन्य सुरक्षाकर्मियों के साथ व्यवस्था संभाल रहे थे। इस दौरान उनके द्वारा परिचितों को अलग से प्रवेश दिये जाने को लेकर विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई, जबकि इस गेट से बड़ा गणेश मंदिर तक पूरी सड़क को कांवडिय़ों और शीघ्र दर्शन वालों ने घेर लिया। इस कारण सड़क के दोनों ओर जाम लग गया। यहां सिर्फ एक पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने के लिये मशक्कत करते नजर आया जबकि चार पुलिस जवान बड़ा गणेश मंदिर के बाहर ठेले पर बैठे रहे।

मंदिर समिति सदस्य कराते रहे परिचितों को दर्शन, इससे बिगाड़ी व्यवस्था
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मनोनीत हुए सदस्य दीपक मित्तल ने नंदीहॉल और गर्भगृह में दर्शन व्यवस्था को प्रभावित किया। उनके द्वारा करीब दो घंटे तक यहां मौजूद रहकर 200 से अधिक परिचितों को नंदीहॉल और गर्भगृह में प्रवेश कराया। स्थिति यह हो गई कि अधिक संख्या में लोग गर्भगृह और नंदीहॉल में एकत्रित हो गये जिससे सामान्य दर्शनार्थियों को रेलिंग से शिवलिंग के दर्शन भी नहीं हो रहे थे।

यहां व्यवस्थाओं में लगे पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों ने बताया कि सिर्फ एक सदस्य के कारण प्रतिदिन व्यवस्था बिगड़ रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के कांवडिय़ों द्वारा गर्भगृह में प्रवेश को लेकर धरना दिया गया था। उनका कहना था कि समिति सदस्य दीपक मित्तल के हस्तक्षेप से 50 कांवडिय़ों को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया तो हमें भी प्रवेश दिया जाएं। हालांकि प्रशासक अवधेश शर्मा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाल लिया था।मंदिर में पॉलीथिन ले जाने पर पाबंदी है बावजूद इसके श्रद्घालु पॉलीथिन से दूध चढ़ाते हुए नजर आए।

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